नाराज़गी
21 Feb 2008 Share on:
ज़िंदगी से रंजिश है मेरी,
क्यों है न जानता हूँ मैं,
खुशी आती है पल भर के लिए,
बैठती ही नहीं है साथ मेरे,
न जाने किस बात की नाराज़गी है,
न समझ पाता हूँ मैं !!!
ज़िंदगी से रंजिश है मेरी,
क्यों है न जानता हूँ मैं,
खुशी आती है पल भर के लिए,
बैठती ही नहीं है साथ मेरे,
न जाने किस बात की नाराज़गी है,
न समझ पाता हूँ मैं !!!