systemhalted by Palak Mathur

होली

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    रंगों के इस पावन पर्व पर,
    आओ अपने जीवन में रंग नए बिखेरें हम,
    और जीवन के आँगन में रंगोली एक बनाएं,
    करें कामना यह की
    जीवन हमारा सदैव ही रंगों की तरह मुस्कुराता रहे,
    और ‘पलक’ कभी ग़म के आंसूओं से न भीगे!
Poetry & Literature