धोका खाकर दिल बेसहारा हो गया है, दुश्मन ना था कोई पर हर कोई अब रंजिश में हो गया है; सोचता हूँ के क्या बुरा किया था मैंने, की अपनों में ही सब कुछ बेगाना हो गया है!!