तुम्हारा साथ
21 Nov 2010 Share on:
तेरे मिलने से पहले अधूरी थी हर चीज़,
तेरे आने से पहले न यह रंगत थी।
तुम लाईं ज़िन्दगी में एक नयापन,
पास मेरे अब तेरी संगत थी।
हो रहा है पूर्ण वर्ष साथ चलने का,
नया वर्तमान जीने का, नई ख़्वाहिश करने का,
कुछ रूठने, मनाने, समझने, समझाने का,
कुछ साथ पाने का, कुछ खो जाने का।
एक वर्ष हो रहा है पूर्ण और दूसरा आरम्भ,
कुछ आशायें हैं नयी, कुछ नया होगा प्रारम्भ,
तुम्हारा साथ हो बस यही है आशा,
बस साथ चले हम और हो न कोई निराशा।